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Title :पुरानी घटनाएं ---नए पात्र
Blogger :धीरेन्द्र गौड़
SUbject :श्री राम का वनवास गमन
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राजेश ने ध्यान से अपने पिता को देखा। अपने पिता को इतना व्यथित उसने कभी नहीं देखा था। अभी परसों ही तो सभी कितने प्रसन्न थे और पारिवारिक व्यवसाय के सम्बन्ध में बातें कर रहे थे। फिर अचानक एक दिन में ऐसा क्या हो गया कि पिता इतने उदास और चिंतित दिख रहे हैं। फिर उसने अपनी सौतेली माँ कामिनी देवी की ओर देखा तो वो भी कुछ विचलित परन्तु कुछ कठोर सी दिखीं। कमरे में उन के अतिरिक्त कामिनी देवी का इकलौता पुत्र भावेश भी था जो सर झुकाए हुए मौन बैठा था। वह कुछ बोलना चाह रहा था परन्तु बोल नहीं प् रहा था। पिता ने राजेश को अपने कमरे में बुलाया था परन्तु वे कुछ बोल नहीं रहे थे।